Monday, March 24, 2014
इन आँखों में
इन आँखों में
Posted on March 24, 2014 by lotusindia4universalbrotherhood
कुछ ख़्वाब हैं इन आँखों में .
नहीं दिख रहे फिर भी कुछ आब है इन आँखों में
कुछ बात छुपी है इन आँखों में ,
कुछ जज्बात चिंगारी की तरह सुलग रहे है इन आँखों में ..
बहुत राझ समाये हैं इन आँखों में
मन की उड़ान, प्यार की परवाझ, सपने सजाये हैं इन आँखों में
दोस्त – दुश्मन परखाएँ है इन आँखों में
अपने -पराएँ की चाहत -नफरत का कारवाँ बसाये हैं इन आँखों में
कमलेश रविशंकर रावल
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